धारचूला में तीन मासूमों को इस बात का कोर्इ अंदाजा नहीं था कि जो खेल वो खेल रहे हैं, वह उनकी मौत की वजह बन जाएगा। दरअसल, तीनों एक लकड़ी के बक्से के भीतर खेलने चले गए। लेकिन तभी बक्सा अचानक बंद हो गया और दम घुटने से तीनों की मौत हो गर्इ।
दरअसल, खुमती गांव निवासी सुरेंद्र सिंह पुत्र खुशाल सिंह अपनी पत्नी के जंगल गया था। उनके तीन बच्चे दादा-दादी के साथ घर पर थे। इसके बाद दादी-दादी भी किसी काम से घर से बाहर चले। तीनों बच्चे निशा(10 वर्ष), सपना(7 वर्ष) और कार्तिक(5 वर्ष) अकेले घर पर खेल रहे थे। खेलते-खेलते वे तीनों वहां रखे बक्से के अंदर चले गए। तभी बक्से का दरवाजा बंद हो गया। वो तीनों बक्से का दरवाजा नहीं खोल पाए और दम घुटने से उनकी मौत हो गर्इ।
जब दादा-दादी घर लौटे तो वो बच्चों को ढूंढ़ते रहे लेकिन वो नहीं मिले। सभी पूरी रात बच्चों को इधर उधर ढूंढ़ते रहे, तभी उनकी नज़र बक्से पर पड़ी। जब उन्होंने बक्से को खोला तो तीनों बच्चों का शव देख उनका कलेजा मुंह को आ गया।