उत्तराखंड में 25 मई तक कोविड कर्फ्यू है। 24 मई को प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण और कोविड कर्फ्यू के प्रभावों का आकलन करेगी और उसके बाद आगे की रणनीति पर निर्णय लेगी। बहरहाल, राज्य के मैदानी जिलों में संक्रमण की कम होती दर से सरकार कुछ राहत में है। शासकीय प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है।
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उन्होंने संकेत दिए कि 24 मई तक मामलों में लगातार कमी आई तो सरकार कोविड कर्फ्यू में कुछ ढील देने पर विचार कर सकती है लेकिन मामलों में बढ़ोतरी होगी तो सरकार कर्फ्यू के तहत पाबंदियों को जारी रखेगी और इसे सख्त करेगी।सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने अगले 14 दिन के लिए खाका तैयार कर लिया है। इसके तहत कोरोना के मामले कम होने पर बाजारों को एक दिन छोड़कर खोलने की अनुमति दी जा सकती है।
लेकिन 10 जून तक सरकार शाम को बाजार खोलने के पक्ष में नहीं है। सरकार का मानना है कि शाम के समय बाजारों में ज्यादा भीड़ होती है, इससे संक्रमण फैलने का खतरा है।प्रदेश में कोविड कर्फ्यू लागू होने के बाद मैदानी जिलों में कोरोना संक्रमण की दर में कुछ कमी आई है। 12 मई से 18 मई के बीच देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में पॉजिटिविटी दर 20 फीसदी से कम रही। केवल नैनीताल जिले में 20 फीसदी से अधिक है।शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश में वर्कशाप खोलने पर कोई रोक नहीं है। लेकिन वर्कशाप में कोविड गाइडलाइन का पूरा पालन करना होगा।