सहकारिता विभाग की ओर से प्रदेशभर के जिला सहकारी बैंकों (डीसीबी) में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर होने जा रही भर्ती निरस्त कर दी गई थी। प्रदेश के 10 डीसीबी में करीब 400 पदों पर यह भर्ती होने जा रही थी। कई जिलों में तो भर्ती प्रक्रिया के लिए कार्यक्रम जारी हो चुका था। वहीं कई जिलों में भर्ती प्रक्रिया के लिए फार्म भर चुके थे और कुछ में परीक्षा अंतिम चरण में चल रही थी, जिसके तहत शारीरिक परीक्षा ली जा रही थी।
उस समय निबंधक सहकारिता बीएम ने बताया कि अपरिहार्य कारणों से यह परीक्षा रद की जा रही है। हालांकि, इस फैसले को हरिद्वार, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर के शिकायती पत्र से जोड़कर देखा जा रहा था। विधायक ने भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी होने की आशंका जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। विधायक का आरोप था कि जिला सहकारी बैंक, हरिद्वार के अध्यक्ष अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उन्हें भर्ती कर रहे हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से हरिद्वार की भर्ती परीक्षा निरस्त करने की मांग की थी, लेकिन निबंधक सहकारिता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रदेश में ही भर्ती निरस्त कर दी है।
भर्तियों, इम्तिहान, परिणाम और ज्वाइनिंग का नामो निशान नहीं. झूठे वादे – युवाओं से खिलवाड़
आपसी मदभेद के चलते युवाओ के साथ बी जे पी सरकार ने ये ाचा नहीं किया, सरकार हमेशा कोई भी रही हो युवा हमेशा उनका शिकार बनता रहा रहा है क्या यह भर्ती सम्पन होगी या नहीं इसकी सुध लेने के लिए कोई भी तैयार नहीं है वही सहकारिता मंत्री जी उसी विभाग में फिर से नौकरियों, कई ब्रांच खोलने का झूठा वादा कर ना जाने कहाँ सो गये, मंत्री जी नौकरियां निकालते है इन्हीं के विधायक घोटाले का आरोप लगा भर्ती रुकवा देते है बड़ा अजब, ग़ज़ब का खेल रही है बी0 जे0 पी0 सरकार युवाओं के साथ