सीएम धामी ने केदारनाथ हेली हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। आम जन के जीवन की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी कीमत में जिंदगियों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। डीजीसीए द्वारा निर्धारित गाइडलाइन को और सख्त बनाया जाएगा।
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रविवार सुबह हुए हेली क्रैश के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में सरकार ने कई सख्त फैसले किए हैं। अब से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग केवल उन्हीं पायलट को हेलीकॉप्टर उडाने की अनुमति दी जाएगी, जिनका उच्च हिमालयी क्षेत्र में उडान का लंबा अनुभव होगा। चारधाम की हेली सेवाओं को भी सोमवार तक रोक दिया गया है। इस अवधि में सभी हेली ऑपरेटरों एवं पायलटों के उच्च हिमालय क्षेत्रों में उड़ान अनुभवों की जांच होगी। और उसके बाद सभी हेली ऑपरेटरों के साथ बैठक के बाद ही पुन: हेली सेवा को सुचारु करने पर निर्णय किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा, डीजीसीए के महानिदेशक फैज अहमद किदवई के साथ वर्चुअल बैठक में निर्णय किया गया है हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय और सुरक्षित संचालन के लिए देहरादून में एक ह्यकॉमन कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटरह्ण की स्थापना की जाएगी। जिसमें डीजीसीए, आपदा विभाग, सिविल एविएशन, यूकाडा, हेली आपरेटर कम्पनी के अधिकारियों की तैनाती होगी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव ने भी इस पर सहमति दे दी। मुख्यमंत्री ने सचिव गृह उत्तराखंड की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के निर्देश दिए। जिसमें डीजीसीए, यूकाडा, नागरिक उड्डयन विभाग, एटीसी के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रहेंगे।