स्थिति को देखते हुए महिला फोर्स भी बुलानी पड़ी क्योंकि विरोध कर रहे ग्रामीणों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। पुलिस और ग्रामीणों के बीच नोकझोंक हुई, लेकिन अधिकारियों ने वार्ता कर लोगों को शांत कराया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। तहसीलदार कुलदीप पांडे ने बताया कि प्रशासन ने ग्रामीणों से कहा कि जिनके वोट कथित रूप से किसी और ने डाल दिए हैं, वे टेंडर वोट डाल सकते हैं। हालांकि, जिनके नाम पर फर्जी वोटिंग की बात कही जा रही थी, वे लोग मौके पर नहीं मिले। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि यदि किसी को आपत्ति है तो वह लिखित शिकायत दे, जिस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया और पोलिंग पार्टियां कड़ी सुरक्षा में रवाना हुईं।
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इस पूरे प्रकरण पर एसडीएम राहुल शाह ने स्पष्ट किया कि मतदान केंद्र संख्या 137 पर तीन लोगों ने वोट फर्जी तरीके से डाले जाने की शिकायत की थी, जिन्हें टेंडर वोट डालने को कहा गया था। लेकिन वे लोग वोट डालने के बजाय प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने कहा कि मौके पर पुलिस टीम भेजकर स्थिति को नियंत्रित किया गया और चुनाव में व्यवधान डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मतदान में किसी प्रकार की फर्जी वोटिंग नहीं हुई है और माहौल बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।