राज्य के नगर निगमों में इस बार मेयर पद के आरक्षण में बदलाव होगा। कहीं महिला सीट पुरुषों के पास जाएगी, तो कहीं पुरुष सीट इस बार महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगी। सूबे में पहली बार 30 प्रतिशत तक ओबीसी आरक्षण लागू होने के बाद 33 प्रतिशत सीटें रोस्टरवार महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
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2018 में सात नगर निगमों का चुनाव हुआ था। इनमें से देहरादून और हल्द्वानी नगर निगम में मेयर का पद अनारक्षित था। ऋषिकेश, हरिद्वार व कोटद्वार नगर निगम में मेयर का पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था। काशीपुर में ओबीसी और रुद्रपुर में अनुसूचित जाति के लिए मेयर का पद आरक्षित था।
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इस बार नगर निगम देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, कोटद्वार, काशीपुर, श्रीनगर, रुद्रपुर, हल्द्वानी का चुनाव होने जा रहा है। नगर निगम देहरादून में पिछले तीन चुनाव से सीट अनारक्षित रही है। हल्द्वानी में भी अनारक्षित सीट चल रही है। लिहाजा, यहां बदलाव के आसार हैं। राज्य के निकायों में पहले ओबीसी का आरक्षण लागू होगा। 14 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत तक आरक्षण की सिफारिश को लागू करने के लिए सरकार को एक्ट में संशोधन करना है।
एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें नौ नगर निगमों में कुल 21,50,227 की आबादी बताई गई है। इनमें से अनुसूचित जाति की 2,69,364 आबादी के हिसाब से एससी की एक सीट 3,88,135 आबादी के हिसाब से ओबीसी की दो सीटें और 14,80,532 आबादी के हिसाब से जनरल की छह मेयर सीटें रखने की सिफारिश की गई है। इन सभी नौ सीटों पर 33 प्रतिशत महिला आरक्षण भी लागू होगा, जिसके तहत इस बार दो या तीन सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो सकती हैं