बागेश्वर ; आज फिर गुलदार ने एक मासूम बच्चे को मार डाला जिला मुख्यालय से लगे गाँव दयांगड के एक गरीब परिवार का मासूम बच्चा था। सरकार के कुछ लाख के चेक या जनप्रतिनिधियों के ढांढस बधाने से ना वो बच्चे पुनः जीवित हो सकते हैं और ना ही उनके माँ-बापों के वो सपने-अरमान दुबारा लौट सकते हैं, विधायक दास की धमकी के बाद भी सरकार ने केवल यहां शिकारी भेजा।सरकार ने बागेश्वर में गुलदारों के बढ़ते आतंक को खत्म करने के लिए ना कोई गंभीरता दिखाई और ना ही कोई ठोस उपाय किये। बागेश्वर में गुलदारों का आतंक हद पार कर गया है। जब तक इनके आतंक की समाप्ति के लिए सरकार कोई ठोस उपाय नहीं किये है, तब तक मासूमों और आम जनता की चढ़ती जा रही बलियों को रोकना शायद संभव नहीं होगा।
विभाग का काम इतना रह गया है कि वो गुलदार आतंक वाले इलाकों में पिंजरा लगाकर रख दे, पटाखे फोड़े और गाँव वालों से भी कहे कि गुलदार को भगाने के लिए पटाखे फोड़े या कनिस्तर ढोल बजाये
सीसीटीवी कैमरों में कैद हो रहे हैं, न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया में सीसीटीवी के फुटेज लगातार चल रहे हैं, तो इसके बावजूद सरकार द्वारा अब तक इन गुलदारों के आतंक से निजात दिलाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किये गए बागेश्वर के विधायक चन्दन राम दास जी ने गुलदारों के आतंक और लोगों के आक्रोश को देखते हुवे यहां तक कह दिया था कि समस्या का स्थायी समाधान नहीं होने पर वो एक हफ्ते में इस्तीफा दे देंगे लेकिन सरकार ने विधायक दास को उसी दिन मना लिया और आश्वासन दे दिया।
शिकारी लखपत सिंह आया और एक गुलदार को मारकर चला गया।आज फिर गुलदार ने एक बच्चा मार दिया।विधायक दास की धमकी के बाद भी सरकार ने केवल बागेश्वर में शिकारी भेजा.