प्रॉपर्टी डीलर कैलाश पांडे ने हनुमान जी की मूर्ति के सामने जहर खाकर बाबा हैड़ाखान के आश्रम में खुदकुशी कर ली। उसका शव हनुमान जी की मूर्ति के सामने पड़ा मिला। जेब से सुसाइड नोट में उसने जिंदगी से परेशान होने की बात लिखी है। उसने लिखा इसके लिए सिर्फ मैं जिम्मेदार हूं। किसी को परेशान मत करना। बहुत परेशान हो गया हूं जिंदगी से। अब झेला नहीं जाता। बाबू का ध्यान रखना यार भाई लोग। सुभाष भाई सबका हिसाब निपटा देना यार सही से ब्लाक कार्यालय से रिटायर्ड कृष्णानंद पांडे का चंद्र फार्म में मकान है। वह मूल रूप से बागेश्वर जिले के रहने वाले हैं। उनके चार बेटों में 32 वर्षीय कैलाश पांडे सबसे छोटा था। परिजनों के अनुसार कैलाश सोमवार की देर रात 12:30 बजे बाइक से कठघरिया स्थित बाबा हैड़ाखान के आश्रम में गया था। मंगलवार सुबह करीब चार-पांच बजे लोग टहलने निकले तो आश्रम में हनुमान जी की मूर्ति के सामने उसका शव पड़ा देखा। उसके मुंह से झाग निकला हुआ था। पास में कोल्ड ड्रिंक की बोतल भी पड़ी मिली। पुलिस ने घर वालों को भी मौके पर बुला लिया। कैलाश के तीन बड़े भाइयों में दयाल पांडे उप प्रधान हैं। प्रकाश पांडे हरिद्वार और खीमानंद पांडे रुद्रपुर में प्राइवेट जॉब करते हैं। पुलिस आत्महत्या की वजह की जांच कर रही है। घटना की जानकारी मिलने पर आश्रम के महंत शंभू गिरी महाराज मौके पर पहुंचे। युवक ने हैड़ाखान आश्रम में कोल्ड ड्रिंक में जहरीला पदार्थ पी कर आत्महत्या की है। शव पोस्टमार्टम कर दिया गया है। परिजनों से पूछताछ की जा रही है।