हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव की अधिसूचना पर लगी रोक हटाते हुए राज्य सरकार को चुनाव तैयारियां करने के लिए हरी झंडी दे दी, अलबत्ता सीमा विस्तार मामले में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से याचिका दायर कर कहा था कि निकायों का कार्यकाल तीन मई को पूरा हो रहा है और इससे पहले चुनाव कराना आयोग की संवैधानिक बाध्यता है। आयोग ने याचिका में सरकार को चुनाव कराने के लिए आदेश देने की मांग की। इधर सरकार की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया कि परिसीमन से संबंधित याचिकाएं विचाराधीन होने की वजह से चुनाव प्रक्रिया में देरी हुई, जबकि सरकार चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है।
परिसीमन, आरक्षण निर्धारण आदि से संबंधित चुनाव कार्यक्रम की जानकारी भी कोर्ट को सरकार द्वारा दी गई। इधर कोटद्वार के मवाकोट, डोइवाला, भवाली व अन्य निकायों के सीमा विस्तार के खिलाफ भी याचिकाएं विचाराधीन हैं, जिन्हें कोर्ट द्वारा एक साथ सुनवाई का निर्णय लिया गया था। शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान नया तथ्य आया कि किसी ग्राम पंचायत को यदि निकाय क्षेत्र में शामिल किया जाता है तो संविधान के अनुच्छेद-थ के तहत इसकी प्रक्रिया राज्यपाल द्वारा आरंभ की जाएगी। इस बिन्दु को देखते हुए कोर्ट ने परिसीमन मामले में सरकार से अगले मंगलवार आठ मई तक जवाब दाखिल करने के आदेश पारित किए।
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर द्वारा कोर्ट से चुनाव अधिसूचना पर लगी रोक हटाने की गुजारिश की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। आयोग की ओर से पैरवी अधिवक्ता संजय भट्ट ने करते हुए कहा कि आयोग चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है।