हाईकोर्ट बार व उत्तराखंड बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष व सांसद रहे डॉ. पाल ने कहा है कि रिटायर नहीं, बल्कि नए जजों की नियुक्ति की जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि केंद्र व सुप्रीम कोर्ट के बीच चल रहे गतिरोध को दूर कर जजों की नियुक्ति का रास्ता साफ किया जाए। डॉ. पाल सहित हाईकोर्ट बार के सदस्य अधिक्ताओं ने गुरुवार को बकायदा पत्रकार वार्ता बुलाकर अपनी राय रखी।
जजों की नियुक्त नहीं होने से सुप्रीम कोर्ट खफा खबर के बाद अपना पक्ष रखने के लिए डॉ. पाल ने यह वार्ता बुलाई थी। हाईकोर्ट बार के सभागार में हुई वार्ता में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज न्यायमूर्ति रंजन गोगोई का यह वक्तव्य न्याय पालिका में सुधार नहीं, बल्कि क्रांति की जरूरत है। बहुत कुछ मायने रखता है। उन्होंने कहा कि जस्टिस आर नारीमन व जस्टिस इंदु मल्होत्रा की पीठ ने आपराधिक अपीलों के लंबित होने पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम के साथ ही हाईकोर्ट में इसी प्रकार मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि रिटायर जजों के बजाय रिक्त पदों पर नई नियुक्ति होनी चाहिए। यही नहीं न्यायिक प्राधिकरणों में नए लोगों की नियुक्ति होनी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. पाल नैनीताल लोकसभा से दो बार सांसद रहे हैं। इस मौके पर हाईकोर्ट बार के निर्वतमान अध्यक्ष सैय्यद नदीम मून, अधिवक्ता जगदीश कर्नाटक,डीके त्यागी, भुवनेश जोशी, कमलेश तिवारी, बीना जोशी आदि अधिवक्ता भी मौजूद रहे।