उत्तरकाशी, बीते रविवार को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद सोमवार को तीर्थ पुरोहितों ने कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए दोनों धामों में हवन और पूजा अर्चना की। दोनों धामों में परिसर के गेट बंद कर दिए गए हैं। किसी भी श्रद्धालु मंदिर परिसर में तीन मई तक आने और दर्शन करने पर पूरी तरह से रोक है। इसके अलावा गंगोत्री और यमुनोत्री बाजार भी पूरी तरह से बंद रखा गया है। लॉकडाउन का नियम न टूटे इस लिए तीर्थ पुरोहितों की संख्या भी सीमित रखी गई गंगोत्री धाम में सोमवार सुबह चार बजे से तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल व अनुज सेमवाल ने पूजा अर्चना शुरू हुई। सबसे पहले मां गंगा का श्रृंगार किया गया। सुबह छह बजे मंगल आरती हुई। जिसमें कोई अन्य पुरोहित भी शामिल नहीं हुआ। जिसके बाद इन दोनों तीर्थ पुरोहितों ने भारत और विश्व से कोरोना मुक्ति के लिए हवन किया। इसके साथ ही गंगा सहस्रनाम पाठ, गंगा लहरी पाठ, गंगा के बीज मंत्र से जाप भी किया। जिसके बाद मां गंगा को केशरी चावल का भोग लगाया गया। गंगोत्री मंदिर समिति के सह सचिव राजेश सेमवाल कहते हैं कि लॉकडाउन और शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कोरोना मुक्ति के लिए अनुष्ठान किया गया। यह अनुष्ठान नियमित चलेगा। उन्होंने कहा कि दो तीर्थ पुरोहितों के अलावा सोमवार को मंदिर में कोई नहीं गया। मंदिर परिसर का स्वागत द्वार को भी बंद किया हुआ है। जिससे स्थानीय साधु संत व अन्य लोग भी लॉकडाउन तक मंदिर में न आएं। मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया गंगोत्री धाम में अभी तक एक भी दुकान नहीं खुली है। सभी दुकानें बंद हैं। धाम में पूरी तरह से सन्नाटा है।