भारत व चीन के विवाद पर नेपाल के सेवानिवृत्त राजनयिकों और अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञों ने दोनों देशों से शांति की अपील की है. उन्होंने चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों की ख़बरों पर दुख व्यक्त किया है.उन्हें उम्मीद थी कि सैन्य गतिरोध आगे नहीं बढ़ेगा क्योंकि पूरे क्षेत्र के लिए इसके दूरगामी परिणाम होंगे.
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार शाम 7:15 बजे तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. लेकिन पूर्व राजनयिकों, रणनीतिक विश्लेषकों और वरिष्ठ पत्रकारों ने लद्दाख क्षेत्र में भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील की है.
उन्होंने भारत और चीन से संयम बरतने और जल्द से जल्द शांतिपूर्ण समाधान निकालने का आग्रह किया.पूर्व उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सुजाता कोइराला ने उम्मीद जताई है कि भारत और चीन अपने सीमा विवादों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक बातचीत में तेज़ी लाएंगे.
सुजाता कोइराला ने कहा, “भारत और चीन दोनों के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं. हम उनके संबंधों और दोस्ती को और मज़बूत होते देखना चाहते हैं. भारत और चीन के बीच किसी भी संघर्ष के पूरे एशियाई क्षेत्र में दूरगामी प्रभाव होंगे.”
नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री और लंबे समय तक भारत में राजदूत रहे भेख बहादुर थापा ने भारत और चीन के बीच हालिया कूटनीतिक संवाद का स्वागत किया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष जल्द ही लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकालेंगे
उन्होंने कहा, “हिंसक झड़पें अब शांति स्थापित किए जाने का संकेत देती हैं. लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में भारत-चीन सीमा विवाद पिछले युद्ध की विरासत है. इसका समाधान ज़्यादा बैठकें करने और राजनयिक व राजनीतिक हल खोजने से हो पाएगा.”
भेख बहादुर थापा ने सुझाव दिया कि अन्य सीमा विवादों जैसे लिंपियाधुरा-लिपुलेख को लेकर भारत-नेपाल सीमा विवाद को भी लगातार राजनयिक बातचीत के ज़रिए हल किया जा सकता है.