उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में देर रात से हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास बादल फटने से एक होटल निर्माण स्थल पूरी तरह तबाह हो गया। इस हादसे में आठ से नौ नेपाली मजदूर लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश के लिए प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। घटना शनिवार देर रात करीब 12 बजे की है। बड़कोट थानाध्यक्ष दीपक कठेत ने बताया कि बादल फटने से आए सैलाब ने सड़क निर्माण और अन्य कार्यों में लगे मजदूरों के टेंट बहा दिए। उत्तरकाशी डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि दस श्रमिकों को सुरक्षित निकालकर पालीगाड़ लाया गया है, जबकि लापता मजदूरों की खोजबीन जारी है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार, मशीनें घटनास्थल तक नहीं पहुंच पा रही हैं, इसलिए 15 सदस्यीय टीम मलबे और नदी में फंसे लोगों को ढूंढने में जुटी है। लगभग 45 अन्य लोग रास्ते में हैं।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना का तुरंत संज्ञान लिया और अधिकारियों को राहत-बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “एस0डी00आर0एफ0, एन0डी0आर0एफ0 और अन्य टीमें घटनास्थल पर पहुंचकर गहन बचाव कार्य में जुटी हैं। मैं अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हूं।” बादल फटने के कारण यमुनोत्री हाईवे सिलाई बैंड समेत कई जगहों पर बंद हो गया है। ओजरी के पास सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो गई, और खेतों में मलबा भर गया है। स्याना चट्टी के पास कुपड़ा कुनसाला मोटर मार्ग पर मलबे और बोल्डरों के कारण यमुना नदी का बहाव रुक गया, जिससे झील बनने लगी है। इससे तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में दहशत है। स्थानीय निवासी जयपाल सिंह रावत ने बताया कि होटल की सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है। स्यानाचट्टी में कुपड़ा कुंशाला त्रिखिली मोटर पुल भी खतरे में है।
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एन0एच0 की टीम हाईवे को खोलने के प्रयास में जुटी है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने और मलबे के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। लापता मजदूरों की तलाश और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेजी से जारी हैं।