भारत में कोरोनावायरस के मामले आज 20 लाख के पार हो जाएंगे। हालांकि, अच्छी बात ये भी है कि एक तरफ भले ही कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही हो, लेकिन दूसरी तरफ इससे ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इसका नतीजा ये हो रहा है कि देश में अब ठीक हुए मरीजों की संख्या एक्टिव मरीजों से दोगुने से ज्यादा हो गई है। 5 अगस्त तक के डेटा के मुताबिक, देश में 5.86 लाख एक्टिव केस हैं, जबकि 12.82 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं।
उत्तराखंड में आए दिन करोना हो रहा है घातक
बात जब ठीक हुए मरीजों की हो रही है, तो सबसे पहले बात रिकवरी रेट की ही हो। देश में रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है। लॉकडाउन से पहले यानी 25 मार्च तक देश में रिकवरी रेट 7.10% ही था। लॉकडाउन-4 तक रिकवरी रेट बढ़कर 38% के पार पहुंच गया। जबकि, अब देश में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 67% के ऊपर पहुंच गई है।
में अब तक 2.08 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट हो चुका है। इस तरह अब हमारे देश में हर 10 लाख आबादी पर 15 हजार 119 लोगों की जांच हो चुकी है।
डब्ल्यूएचओ का मानक है कि हर देश में हर 10 लाख आबादी पर रोजाना 140 से ज्यादा टेस्ट होने चाहिए। अच्छी बात ये है कि भारत में अब 28 राज्यों में रोजाना हर 10 लाख आबादी पर 140 से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। हालांकि, ये आंकड़ा रोज बदलता भी है।
कई रिसर्च में सामने आया है कि कोरोनावायरस की वजह से महिलाओं की तुलना में पुरुषों की जान ज्यादा जा रही है। इसके साथ ही ये भी सामने आया है कि जिनकी उम्र ज्यादा है, उनको भी खतरा है।
4 अगस्त तक देश में जितनी मौतें हुई थीं, उनमें से 68% पुरुष थे। यानी हर 100 मौतों में से 68 पुरुष हैं। इसके साथ ही मरने वालों में 80% से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिनकी उम्र 45 साल से ज्यादा है।