नीर नाथ उर्फ नीरू की मौत का मामला मुखानी पुलिस के लिए पहेली बनकर रह गई है। परिजनों से पूछताछ के दौरान मौत की गुत्थी उलझती जा रही है। 12 दिनों के बाद पुलिस को कातिलों का पता नहीं चल सका है। आरटीओ रोड रेशमबाग निवासी नीर नाथ साह उर्फ नीरू (74) अपनी बड़ी बहन 85 वर्षीय माहेश्वरी साह के साथ रहते थे। 15 मई की शाम नीरू का शव घर में दीवान बेड के अंदर मिला था। गले में साड़ी का फंदा लगा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि बुजुर्ग की गला घोंटकर हत्या की गई थी। संघर्ष के चलते उनके नाखूनों पर चोट लगी थी। पुलिस ने सीओ के निर्देश पर परिजनों से पूछताछ की लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका। थानाध्यक्ष नंदन सिंह रावत ने बताया कि इस मामले में परिजनों से कुछ जानकारी नहीं मिल सकी है। पुलिस ने नैनीताल, बनभूलपुरा में रहने वाले नीरूनाथ के करीबियों से काफी पूछताछ की है लेकिन रंजिश के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। घटना की साक्षी सिर्फ नीरू नाथ की बुजुर्ग बहन हैं। उनसे अधिक पूछताछ करना मुश्किल है। कॉल डिटेल से भी पुुलिस को ऐसी लाइन नहीं मिल रही है, जिनके आधार पर कातिलों की गर्दन पकड़ी जा सके। पुलिस के लिए यह हत्या एक पहेली की तरह बनकर रह गई है।