पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक का खुलासा देश के सामने करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह को कश्मीर में आतंक के खात्मे का जिम्मा सौंपा गया है। मोदी सरकार ने रणबीर सिंह को इंडियन आर्मी की सबसे महत्वपूर्ण उत्तरी कमान का कमांडर नियुक्त किया है। रणबीर सिंह ने दो साल पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में सर्जिकल स्ट्राइक की ऑफिशियल घोषणा की थी। उस समय वह डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) थे। इससे पहले उत्तरी कमान लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबु संंभाल रहे थे। उन्हें अब थल सेना को उप प्रमुख बनाया गया है। 2016 में पीओके में हुई सर्जिकल स्ट्राइक की घोषणा करने के बाद रणबीर सिंह लाइमलाइट में आए थे। उस समय वह मिलिट्री ऑपरेशन्स को लीड कर रहे थे। डीजीएमओ के बाद रणबीर सिंह को प्रमोशन देकर स्ट्राइक 1 कोर का कमांडर बनाया गया था। सेना की स्ट्राइक 1 कोर देश के तीन हमलावर बलों में से एक है। इसका हेडक्वार्टर मथुरा में है।
आर्मी की ये काेर शॉर्ट नोटिस पर पाकिस्तान के भीतर घुसकर हमला करने के लिए हमेशा तैयार रहती है। वर्तमान में सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सिस्टम एंड ट्रेनिंग) रणबीर सिंह को म्यांमार और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशंस की कुशल प्लानिंग के लिए जाना जाता है। सितंबर 2016 में हुए उड़ी अटैक के बाद रणबीर सिंह ने ही पीओके में सेना की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक्स की जानकारी मीडिया को दी थी। उड़ी के हमले के बाद उस वक्त डीजीएमओ रहे रणबीर सिंह ने कहा था कि भारतीय सेना इस हमले का जवाब देगी। जवाब देने का वक्त और स्थान हमारी पसंद का होगा। इस बयान के बाद ही सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमें दर्जनों आतंकियों को मार गिराया गया था। रणबीर सिंह इस सर्जिकल स्ट्राइक से पहले केंद्र सरकार की उस हाइलेवल मीटिंग का हिस्सा थे। इसी बैठक सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लिया था। इस बैठक के बाद रणबीर सिंह और सेना की ऊधमपुर स्थित उत्तरी कमान के नेतृत्व में सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग की गई थी। इस दौरान रणबीर सिंह ने खुद दिल्ली के आर्मी हेडक्वार्टर से सारी रणनीति का निर्धारण किया था, जिसके बाद आर्मी की अलग-अलग टीमों ने एलओसी के पार आतंकियों के कैंप पर स्ट्राइक की थी।