मंगलवार को जारी की गई उत्तराखंड राज्य महामारी कोविड-19 संशोधन विनियमावली में यह प्रावधान किए गए हैं। राज्य में बिना मास्क घर से बाहर निकलना और सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित कर दिया है। दोनों को ही अपराध की श्रेणी में शामिल करते हुए पकड़े जाने पर जुर्माने का प्रावधान कर दिया गया है। इन मामलों में पुलिस उपनिरीक्षक व राजस्व निरीक्षक को जुर्माने का अधिकार भी दे दिया है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ पांडेय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि घर से बाहर या सार्वजनिक स्थान पर बिना मास्क पहने पकड़े जाने पर पहली व दूसरी बार में सौ रुपये जुर्माना जबकि तीसरी या उससे अधिक बार पकड़े जाने पर दो सौ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माना न भरने पर ऐसे मामलों में पांच हजार रुपये जुर्माना और छह माह की सजा भी हो सकती है। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर भी यही नियम लागू होंगे। आदेश के अनुसार इन मामलों में पुलिस उपनिरीक्षक व राजस्व निरीक्षक को भी जुर्माने का अधिकार दिया गया है। जिला अधिकारी किसी अन्य सक्षम अधिकारी को भी जुर्माने के लिए अधिकृत कर सकते हैं। इन सभी अपराधों को संज्ञेय और जमानतीय श्रेणी में रखा गया है। लॉक डाउन नियमों का उल्लंघन करने पर पांच सौ रुपये जुर्माना इसके साथ ही सरकार ने केंद्र व राज्य सरकार के लॉक डाउन नियमों का उल्लंघन करने पर भी जुर्माने का प्रावधान कर दिया है। लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन पहली बार करने पर 100 रुपये जुर्माना लगेगा। दूसरी बार के उल्लंघन पर दो सौ से पांच सौ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति लॉक डाउन नियमों का उल्लंघन दो से अधिक बार करता है तो उसे पांच सौ रुपये जुर्माना देना होगा। इसके बाद हर बार पांच सौ रुपये का ही जुर्माना लगेगा। इन मामलों में यदि अपराधी द्वारा शमन राशि अदा नहीं की जाती तो फिर पांच हजार रुपये जुर्माना और छह माह की सजा का प्रावधान है। राज्य में कोविड -19 ड्यूटी के दौरान किसी भी स्वास्थ्य कर्मी के साथ मारपीट, हिंसा या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सजा का प्रावधान कर दिया गया है।