कोरोना महामारी के बीच भारत भी इसकी वैक्सीन तैयार करने के काफी नजदीक पहुंच चुका है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, देश में तीन वैक्सीन सफलता के करीब है। इन्हीं में से एक है- ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन, जिसे भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड नाम से बना रही है। फिलहाल भारत में इस वैक्सीन का फेज-3 ट्रायल चल रहा है। इसकी उपलब्धता को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं कि यह वैक्सीन जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी, लेकिन मीडिया में चल रहे दावों से अलग कंपनी ने अपना पक्ष स्पष्ट किया है।
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सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “कंपनी स्पष्ट करती है कि मीडिया में COVISHIELD की उपलब्धता पर किए जा रहे दावे पूरी तरह से गलत और केवल अनुमान आधारित हैं। वर्तमान में, सरकार ने हमें केवल वैक्सीन का निर्माण करने और भविष्य में उपयोग के लिए भंडार करने की अनुमति दी है।”
कंपनी का कहना है कि एक बार परीक्षण सफल साबित होने के बाद COVISHIELD का व्यावसायीकरण किया जाएगा। फिलहाल ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का फेज-3 ट्रायल चल रहा है। एक बार टीका कोरोना से लड़ने में प्रभावी और बिना साइडइफेक्ट के असरदार साबित हो जाए, तो सीरम इंस्टिट्यूट आधिकारिक रूप से इसकी उपलब्धता की पुष्टि करेगा।
मालूम हो कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की इस वैक्सीन का पहले और दूसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है और ट्रायल के दौरान वैक्सीन असरदार साबित हुई है। भारत, ब्राजील समेत कई देशों में इस वैक्सीन का तीसरे और आखिरी चरण का ट्रायल चल रहा है। भारत में 17 केंद्रों पर 1600 लोगों के बीच यह ट्रायल 22 अगस्त से शुरू हुआ है।
खबरों के मुताबिक, नवंबर तक इस वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल पूरा होने की उम्मीद है। अगर ट्रायल के नतीजे अच्छे रहे और वैक्सीन के किसी भी तरह के साइड इफेक्ट सामने नहीं आए तो वैक्सीन को आसानी से रेगुलेटरी अप्रूवल मिल जाएगा और फिर टीकाकरण के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी।