छछरौली, राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी की एक बैठक छछरौली स्थित कार्यालय में संपन्न हुई।जिसमें हरियाणा समेत सात लगते राज्य उत्तर प्रदेश उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश से पदाधिकारियों व सदस्यों ने भाग लिया। इस कमेटी में मानवाधिकार कमेटी के राष्ट्रीय कन्वीनर डॉक्टर आनंद वर्धन ने देश व प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा करते हुए कार्यकारिणी का गठन करने की बात रखी।
राष्ट्रीय कन्वीनर एवं पूर्व जज आनंद वर्धन ने सभी सदस्यों व पदाधिकारियों की सहमति से जल्दी ही सभी राज्यों के राज्यपाल व माननीय महामहिम राष्ट्रपति महोदय से मिलकर एक ज्ञापन सौंपने की बात कही।मानव अधिकार कमेटी ने केंद्र सरकार द्वारा जारी किसान विरोधी अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है और जो बिल पास हुआ है अध्यादेश की कड़े शब्दों में निंदा करती है और केंद्र सरकार से मांग करती है इस बिल को किसानों के हित में तत्काल वापस लिया जाए। इस संबंध में राष्ट्रीय चीफ कन्वीनर डॉ आनंद वर्धन व पूर्व जज ने एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखकर इस विधेयक को वापस लेने की मांग की है तथा अपना विरोध व्यक्त किया है। उत्तराखंड यूपी के डिप्टी कन्वीनर मोहम्मद आदिल अफरीदी ने एक प्रेस विज्ञप्ति करती जारी करके इस बात की जानकारी दी उनका यह कहना है कि यह विधेयक किसानों के खिलाफ है और बड़े व्यापारियों को विशेषता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इस बिल से लाभ प्राप्त होगा।दूसरी तरफ जो गरीब किसान -मजदूर व्यापारी वर्ग है। उसको जबरदस्त हानि होगी ना तो सरकार ने इस विधेयक में किसानों के हित के लिए कोई विशेष बात कही है। उल्टा इस विधेयक के कारण देश में और महंगाई और बेरोजगारी अधिक बढ़ेगी। राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी केंद्र सरकार द्वारा कृषि विधायक का विरोध करती है और इस विधेयक को वापस लेने की मांग करती। अगर केंद्र सरकार राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी की मांग पर अगर 7 दिन के अंदर कार्रवाई नहीं की तो राष्ट्रीय मानव अधिकार कमेटी किसानों के हितों के लिए आंदोलन करेगी और जल्दी ही एक 10 सदस्य प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलकर ज्ञापन देकर अपना आक्रोश व्यक्त करेगा। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश के कमेटी के वरिष्ठ कार्यकर्ता व किसान नेता सरदार गुरविंदर सिंह ,एडवोकेट गुलशन अंसारी भाई सरदार रंजीत सिंह राणा,और रंजीत कौर आदि ने कड़ा रोष व्यक्त किया। उत्तराखंड के वरिष्ठ मानव अधिकार कार्यकर्ता चौधरी मदन सिंह ,चौधरी आशीष मोहित त्यागी प्रवीण चौधरी और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट अमित त्यागी और एडवोकेट डॉ आदित्य त्यागी ने भी इस विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया है .हरियाणा प्रदेश के वरिष्ठ किसान नेता व व्यापारी वर्ग के प्रतिनिधि सुभाष बलान, एडवोकेट आलोक भारद्वाज एनसीआर, अधिवक्ता महेश शर्मा कुरुक्षेत्र ,चौधरी महिपाल आर्य रंजीतपुर ने भी कड़े शब्दों में पीपली हरियाणा में किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घोर निंदा की है और जल्दी ही किसानों के समर्थन में आंदोलन करने की घोषणा की है उत्तराखण्ड से अधिवक्ता हाई कोर्ट प्रेम प्रकाश भट्ट, विजय जोशी, लक्ष्मी गुसाईं, नीरज जोशी देहरादून मौजूद रहे