उत्तराखंड सरकार मा० मंत्रिमंडल द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कोरोना वारियर्स को तो भरपूर सम्मान देकर उनका मनोबल तो बढ़ाया जा रहा है, किन्तु कोरोना महामारी में रीढ़ की हड्डी की तरह महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले फ्रन्टलाइन आयुष कोरोना वारियर्स का जिक्र भी करने में कोताही बरती जा रही है।
राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखण्ड (पंजीकृत) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ० डी० सी० पसबोला द्वारा यह जानकारी देते हुए बताया गया कि उत्तराखण्ड सरकार का आयुष चिकित्सकों एवं स्टाफ के प्रति सम्मान देने में भेदभाव पूर्ण नजरिया रखना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है। वैसे ही राज्य सरकार द्वारा एलोपैथिक एवं आयुष चिकित्सकों को एनपीए देने में 5% का भेदभाव किया ही जा रहा है, किन्तु अब सम्मान देने में भी भेदभाव किया जा रहा है। जिससे कि अपने घर परिवार से दूर, बिना किसी अवकाश के लगातार 3 माह से भी अधिक समय से उत्तराखण्ड राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने, उससे बचाव एवं इंस्टीट्यूटनल/होम क्वारंनटाइन आदि से सम्बन्धित कार्यों में दिन रात जी जान से लगे हुए फ्रन्टलाइन आयुष कोरोना वारियर्स के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जबकि 95% कार्य फ्रन्टलाइन आयुष कोरोना वारियर्स के द्वारा ही किए जा रहे है। यह ऐसा ही है जैसे किसी दिए में बाती जल रही होती है और देखने वालों को लगता है कि दिया जल रहा है।
राज्य सरकार के इस तरह के पक्षपात पूर्ण रवैये की प्रान्तीय संघ के उपाध्यक्ष डॉ० अजय चमोला, वरिष्ठ चिकित्सक, डॉ० जे० एन० नौटियाल, डॉ० हरिद्वार शुक्ला, डॉ० मौ० नावेद आजम सहित सभी आयुष चिकित्सकों द्वारा निंदा की गयी।
इस सम्बन्ध में प्रान्तीय संघ के अध्यक्ष डॉ० के० एस० नपलच्याल द्वारा एक पत्र आयुष मंत्री डॉ० हरक सिंह रावत को लिखा गया है। जिसमेें उनके द्वारा इस तरह के दोहरे मानदंड के प्रति आपत्ति जतायी गयी एवं आयुष मंत्री से आयुष चिकित्सकों एवं स्टाफ के लिए भी प्रशंसा प्रस्ताव मा० मंत्रिमंडल के समक्ष रखने का अनुरोध किया गया।
इसी तरह का पत्र प्रान्तीय संघ के संरक्षक डॉ० आशुतोष पन्त द्वारा भी मा० मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को लिखा गया है। जिसमें उनके द्वारा आयुष कोरोना वारियर्स के प्रति राज्य सरकार को दोहरा व्यवहार करने के बजाय सभी कोरोना वारियर्स को एक समान रूप से प्रोत्साहित एवं सम्मानित करने की बात कही गयी है। इस पत्र की एक प्रति आयुष मंत्री, आयुष सचिव एवं आयुष निदेशक को भी प्रेषित की गयी है।